न्यूज़ीलैंड मे एक महिला MP ने संसद मे क्यों दिखाई अपनी Nude फोटो !
न्यूज़ीलैंड की संसद में 14 मई, 2025 को एक ऐसी घटना हुई जिसने हर किसी को चौंका दिया। एसोसिएशन ऑफ कंज्यूमर्स एंड टैक्सपेयर्स (ACT) पार्टी की सांसद लॉरा मैकक्लर ने संसद में अपनी एक नग्न तस्वीर दिखाई। लेकिन यह कोई सनसनीखेज़ हरकत नहीं थी, बल्कि एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को उजागर करने का साहसिक प्रयास था। यह तस्वीर वास्तव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाई गई एक डीपफेक छवि थी। लॉरा का यह कदम डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग और इसके खतरों को सामने लाने के लिए था।
डीपफेक: एक उभरता खतरा
डीपफेक तकनीक, जिसमें AI का उपयोग कर नकली तस्वीरें या वीडियो बनाए जाते हैं, आज एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। लॉरा ने संसद में बताया कि उन्होंने यह डीपफेक तस्वीर महज कुछ मिनटों में बनाई थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि इस तकनीक का गलत इस्तेमाल कितना आसान है। उनकी तस्वीर ने न केवल संसद में मौजूद सांसदों को झकझोरा, बल्कि यह भी दिखाया कि डीपफेक तकनीक कितनी तेजी से किसी की निजता को खतरे में डाल सकती है। खासकर महिलाएं और युवा इस तरह के डिजिटल हमलों का आसान शिकार बन रहे हैं।
संसद में उठा सवाल
लॉरा ने संसद में अपनी बात रखते हुए कहा, “इस तस्वीर को दिखाना मेरे लिए डरावना था, लेकिन यह जरूरी था।” उनका मकसद था डीपफेक के दुरुपयोग से होने वाले मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक नुकसान को उजागर करना। न्यूज़ीलैंड में वर्तमान कानून डीपफेक को स्पष्ट रूप से नियंत्रित नहीं करते। हालांकि, हानिकारक डिजिटल संचार से संबंधित कुछ नियम मौजूद हैं, लेकिन वे इस समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। लॉरा का यह कदम डीपफेक और बिना सहमति के नग्न तस्वीरें साझा करने को अवैध बनाने के लिए कानून की जरूरत को रेखांकित करता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
लॉरा के इस कदम ने सोशल मीडिया, खासकर एक्स पर, व्यापक चर्चा छेड़ दी। कई यूजर्स ने इसे एक साहसिक और जरूरी कदम बताया। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “लॉरा मैकक्लर ने जो किया, वह न केवल साहसी था, बल्कि यह दिखाता है कि तकनीक का दुरुपयोग कितना आसान हो गया है।” लोगों ने उनकी हिम्मत की तारीफ की और डीपफेक के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए उनके प्रयास को सराहा।
कानूनी पहल की शुरुआत
लॉरा ने इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाने के लिए एक बिल पेश किया है, जो डीपफेक और बिना सहमति के नग्न तस्वीरें साझा करने को अपराध घोषित करने की मांग करता है। यह बिल अभी संसद के मेंबर बिल बैलट में है और बहस के लिए चुने जाने की प्रतीक्षा में है। न्यूज़ीलैंड फर्स्ट पार्टी जैसे कुछ दलों ने इस बिल का समर्थन किया है। लॉरा को उम्मीद है कि यह बिल जल्द ही सरकार के विधायी एजेंडे का हिस्सा बनेगा।
तकनीक और निजता का संकट
यह घटना हमें तकनीक के इस युग में निजता के संकट की गंभीरता का अहसास कराती है। डीपफेक का दुरुपयोग न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि यह सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी खतरा पैदा कर सकता है। लॉरा का यह कदम एक मिसाल है कि कैसे एक सांसद ने अपने मंच का उपयोग एक गंभीर मुद्दे को उठाने के लिए किया। यह हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि तकनीक के फायदों के साथ इसके जोखिमों से निपटने के लिए मजबूत कानून और जागरूकता की जरूरत है।
एक वैश्विक सबक
लॉरा मैकक्लर की यह पहल न केवल न्यूज़ीलैंड बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सबक है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि तकनीक का उपयोग रचनात्मक और सुरक्षित तरीके से हो। डीपफेक जैसे मुद्दों पर सख्त कानून और सामाजिक जागरूकता ही इस समस्या से निपटने का रास्ता है। क्या आप मानते हैं कि डीपफेक के खिलाफ कड़े कानून बनने चाहिए? यह सवाल हम सभी को सोचने पर मजबूर करता है।
I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.