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बिहार में 100 यूनिट मुफ्त बिजली: सच या अफवाह?

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच एक खबर ने जोर पकड़ा कि नीतीश कुमार सरकार हर परिवार को प्रतिमाह 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना बना रही है। यह दावा इतनी तेजी से फैला कि सोशल मीडिया से लेकर समाचार माध्यमों तक यह चर्चा का विषय बन गया। हालांकि, बिहार के वित्त विभाग ने इस खबर को पूरी तरह से खारिज कर दिया, इसे भ्रामक और तथ्यहीन करार दिया। http://finance.bih.nic.in/

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 अफवाह कैसे फैली?

यह अफवाह 12 जुलाई 2025 को कुछ समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के माध्यम से शुरू हुई। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कुछ खबरों में यह भी कहा गया कि इस योजना से उपभोक्ताओं को प्रति माह 700-800 रुपये की बचत होगी, खासकर निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों को।


चुनावी माहौल में ऐसी खबरों का तेजी से फैलना स्वाभाविक था। नीतीश सरकार द्वारा हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये करने और महिलाओं के लिए 35% आरक्षण जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणाओं ने इस दावे को और हवा दी। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने बिना सत्यापन के इस खबर को शेयर किया, जिससे यह वायरल हो गई। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के 200 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे ने भी इस अफवाह को बल दिया, क्योंकि इसे नीतीश सरकार के जवाबी कदम के रूप में देखा गया।

सरकार का आधिकारिक रुख

12 जुलाई 2025 को बिहार के वित्त विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस दावे का खंडन किया। विभाग ने स्पष्ट किया कि 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने के किसी प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी गई है और न ही इस पर कोई निर्णय लिया गया है। विभाग ने इन खबरों को “गलत, भ्रामक और तथ्यहीन” बताया और जनता से केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करने की अपील की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार मुफ्त बिजली देने के बजाय सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि बिहार में पहले से ही बिजली पर भारी सब्सिडी दी जा रही है। उदाहरण के लिए, शहरी क्षेत्रों में बिजली की दर 7.57 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 4.52 रुपये प्रति यूनिट और ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर ज्योति योजना के तहत 1.97 रुपये प्रति यूनिट तक कम की गई है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने भी मुफ्त बिजली की मांग को अव्यावहारिक बताया, क्योंकि राज्य पहले से ही 15,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रहा है।

 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और जनता का भ्रम

इस खबर ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचाई। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने नीतीश सरकार पर तेजस्वी यादव के वादों की नकल करने और फिर “यू-टर्न” लेने का आरोप लगाया। वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने हर घर में बिजली पहुंचाकर “लालटेन युग” खत्म किया है। प्रशांत किशोर ने इस योजना को “चुनावी जुमला” करार देते हुए बिजली बिलों और प्रीपेड मीटर की समस्याओं को हल करने की मांग की।

जनता में इस खबर से पहले उत्साह और फिर खंडन के बाद निराशा देखी गई। कई लोगों ने इसे राहतकारी योजना माना, लेकिन खंडन ने भ्रम की स्थिति पैदा की।

 वैकल्पिक समाधान: पीएम सूर्य घर योजना

हालांकि 100 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना अफवाह साबित हुई, लेकिन केंद्र सरकार की “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” के तहत बिहारवासी 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली पा सकते हैं। इस योजना में सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है, जिससे उपभोक्ता 3 किलोवाट के सोलर पैनल सकते हैं। यह निवेश 4-5 वर्षों में वसूल हो जाता है और 20-25 वर्षों तक मुफ्त बिजली मिलती है।

100 यूनिट मुफ्त बिजली की खबर एक अफवाह थी, जो बिना आधिकारिक पुष्टि के वायरल हो गई। बिहार सरकार ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज किया है और सस्ती बिजली पर जोर दिया है। जनता को ऐसी भ्रामक खबरों से बचने और आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की सलाह दी जाती है।

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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