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ऑपरेशन सिंदूर: मसूद अजहर के परिवार पर भारत की सटीक कार्रवाई

Operation Sindoor
7 मई 2025 की रात, भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन का मुख्य निशाना आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के ठिकाने थे, जो भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए कुख्यात हैं। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्यों के मारे जाने की खबरें सामने आई हैं, जिसने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया।

मसूद अजहर: आतंक का पर्याय

मसूद अजहर, जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक, भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है। 1968 में पाकिस्तान के बहावलपुर में जन्मा अजहर 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद रिहा होने के बाद से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट हमला, और 2019 में पुलवामा हमला जैसे कई आतंकी घटनाओं में उसका नाम सामने आया। संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया था। उसका मुख्यालय बहावलपुर में स्थित है, जहां वह आतंकी प्रशिक्षण और भर्ती का संचालन करता है।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत का करारा जवाब

ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया। रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, सियालकोट, और मुजफ्फराबाद सहित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में जैश और लश्कर के कई शीर्ष कमांडर और आतंकी मारे गए। खास तौर पर बहावलपुर में मसूद अजहर की मस्जिद और मदरसे को निशाना बनाया गया, जो उसका प्रमुख ऑपरेशनल केंद्र था। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केंद्रित और नपी-तुली थी, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।

मसूद अजहर के परिवार पर हमला

खबरों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर के परिवार के 10 से 14 सदस्य मारे गए। जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान में पुष्टि की कि मसूद की बड़ी बहन, उनके भाई रऊफ असगर, रऊफ के पोते-पोतियां, और बाजी सादिया के पति सहित कई रिश्तेदार इस हमले में मारे गए। इसके अलावा, मसूद के चार करीबी सहयोगी भी ढेर हुए। रऊफ असगर, जैश का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर, संगठन के लिए महत्वपूर्ण था। बीबीसी उर्दू के अनुसार, मसूद ने स्वयं इस नुकसान की पुष्टि की और कहा, “काश, मैं भी मर जाता।” इस हमले में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मारे गए, जिन्हें आज दफनाया गया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने इन हमलों को “कायरतापूर्ण” करार दिया और दावा किया कि आठ नागरिक मारे गए। पाकिस्तानी सेना के डीजी आईएसपीआर ने कोटली, बहावलपुर, और मुजफ्फराबाद में 24 मिसाइल हमलों की बात कही। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” बताते हुए जवाबी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखने की बात कही। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि यह आतंकी ठिकानों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक थी, न कि युद्ध की शुरुआत।

भारत में समर्थन

भारत में ऑपरेशन सिंदूर को व्यापक समर्थन मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रातभर ऑपरेशन की निगरानी की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम बताया। शरद पवार और जेपी नड्डा जैसे नेताओं ने भी इस कार्रवाई की सराहना की। पहलगाम हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा कि इस ऑपरेशन से उनकी आत्मा को शांति मिली।

ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि मसूद अजहर के परिवार को भारी नुकसान पहुंचाकर उसे व्यक्तिगत रूप से झकझोर दिया। यह भारत की नई नीति का प्रतीक है, जो आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी नहीं, बल्कि सीधी कार्रवाई पर विश्वास रखती है। हालांकि, मसूद अजहर के जीवित होने की खबरें हैं, लेकिन इस हमले ने जैश-ए-मोहम्मद को गहरा झटका दिया है। यह ऑपरेशन भारत की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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