यशु यशु वाले पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा: पूरा मामला और विवादों की कहानी
1 अप्रैल, 2025 को पंजाब के मोहाली कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें स्वघोषित ईसाई पादरी बजिंदर सिंह, जिन्हें “यशु यशु” गीत के लिए जाना जाता है, को 2018 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा दी गई। यह खबर न केवल उनके अनुयायियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए चौंकाने वाली है। आखिर कौन हैं बजिंदर सिंह, और कैसे एक “फेथ हीलर” का यह सफर जेल की सलाखों तक पहुंचा? इस ब्लॉग में हम इस मामले की पूरी कहानी, उनके जीवन के विवाद, और कोर्ट के फैसले के प्रभाव को विस्तार से जानेंगे।
बजिंदर सिंह कौन हैं? “यशु यशु” की लोकप्रियता से विवादों तक
बजिंदर सिंह पंजाब के जालंधर जिले के एक गांव के चर्च के पादरी थे, जिन्होंने “मेरा यशु यशु” गीत और अपने तथाकथित “चमत्कारी उपचार” (faith healing) के वीडियो से सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं। उनके वीडियो में लोग “यशु यशु” गाते हुए दिखाई देते थे, और दावा किया जाता था कि वह बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। इन वायरल वीडियो ने उन्हें एक “सेल्फ-स्टाइल्ड प्रॉफेट” के रूप में प्रसिद्धि दिलाई। कुछ मशहूर हस्तियों ने भी उन्हें समर्थन दिया, जिससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ी।
लेकिन यह चमक-धमक ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी। उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप सामने आए, जिनमें यौन उत्पीड़न, बलात्कार, और हिंसा शामिल हैं। 2018 में शुरू हुआ यह मामला उनके जीवन का सबसे बड़ा विवाद बन गया।
2018 बलात्कार मामला: क्या हुआ था?
2018 में पंजाब के जीरकपुर की एक महिला ने बजिंदर सिंह पर बलात्कार का आरोप लगाया। पीड़िता के मुताबिक, बजिंदर ने उसे विदेश भेजने में मदद करने का झांसा दिया और अपने मोहाली स्थित घर पर बुलाया। वहां उसका यौन शोषण किया गया और घटना को रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल करने की धमकी दी गई। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की, और दिल्ली हवाई अड्डे से उन्हें गिरफ्तार किया गया। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
लगभग सात साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद, मोहाली कोर्ट ने 28 मार्च, 2025 को उन्हें दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी पाया। 1 अप्रैल, 2025 को सजा का ऐलान करते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
कोर्ट का फैसला: पीड़िता को मिला इंसाफ
सजा के बाद पीड़िता ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। मैं जज और अपने वकील का शुक्रिया अदा करती हूं। कोर्ट ने मुझे इंसाफ दिलाया, इसके लिए मैं आभारी हूं।” पीड़िता के पति ने भी बताया कि सात साल तक चली इस लड़ाई में बजिंदर ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की और विदेश यात्राएं कीं, जो कोर्ट के आदेशों के खिलाफ थी।
पीड़िता के वकील, एडवोकेट अनिल सागर ने कहा, “बजिंदर एक आध्यात्मिक नेता के रूप में लोकप्रिय थे। उनके अनुयायी उन्हें ‘पापा जी’ कहते थे। ऐसे व्यक्ति द्वारा इस तरह का अपराध करना गंभीर है, और आजीवन कारावास की सजा एक मिसाल है।”
बजिंदर सिंह के विवादों का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब बजिंदर सिंह विवादों में घिरे हों। कुछ समय पहले एक वायरल वीडियो में उन्हें एक महिला और पुरुष को थप्पड़ मारते हुए देखा गया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मारपीट और आपराधिक धमकी का केस दर्ज हुआ। इसके अलावा, फरवरी 2025 में एक 22 साल की महिला ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसने दावा किया कि 2022 में चर्च के एक केबिन में बजिंदर ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी।
सूत्रों के अनुसार, बजिंदर का अतीत भी संदिग्ध रहा है। एक हत्या के मामले में जेल जाने के बाद उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया और बाहर आने के बाद “फेथ हीलिंग” के नाम पर लोगों को प्रभावित करना शुरू किया। कुछ लोग इसे धर्मांतरण से भी जोड़ते हैं, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई।
समाज पर प्रभाव और सवाल
बजिंदर सिंह का मामला समाज में कई सवाल खड़े करता है। क्या “चमत्कारी उपचार” के नाम पर लोगों की भावनाओं का शोषण करना आसान हो गया है? क्या आध्यात्मिक नेताओं पर अंधविश्वास लोगों को गलत रास्ते पर ले जा रहा है? इस सजा से निश्चित रूप से ऐसे लोगों को सबक मिलेगा जो अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं।
इंसाफ की जीत
“यशु यशु” वाले पादरी बजिंदर सिंह की कहानी एक चमकते सितारे से जेल की सलाखों तक की यात्रा है। मोहाली कोर्ट का यह फैसला न केवल पीड़िता के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी जीत है। यह हमें सिखाता है कि सच को छिपाया नहीं जा सकता, और कानून सबके लिए बराबर है।
आप इस मामले के बारे में क्या सोचते हैं? क्या यह सजा सही है, या इसमें और सख्ती की जरूरत थी? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं। अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया, तो इसे शेयर करें और हमारे साथ जुड़े रहें।
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