Bihar की बेटी कमला अब इस देश की प्रधानमंत्री बनने जा रही है
बिहार, एक ऐसी धरती जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जानी जाती है, एक बार फिर विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी है। बिहार के बक्सर जिले के छोटे से गांव भेलुपुर की बेटी, कमला प्रसाद बिसेसर, कैरिबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। यह उपलब्धि न केवल बिहार के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। कमला की यह कहानी प्रेरणा, संघर्ष, और अपनी जड़ों से जुड़ाव की मिसाल है। आइए, इस ब्लॉग में उनके जीवन, बक्सर से संबंध, और इस ऐतिहासिक जीत के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कमला प्रसाद बिसेसर: एक असाधारण व्यक्तित्व
कमला प्रसाद बिसेसर का जन्म त्रिनिदाद और टोबैगो में हुआ, लेकिन उनकी जड़ें बिहार के बक्सर जिले के भेलुपुर गांव से जुड़ी हैं। 73 वर्षीय कमला न केवल एक राजनेता हैं, बल्कि एक वकील, शिक्षिका, और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी रह चुकी हैं। उन्होंने 2010 से 2015 तक त्रिनिदाद और टोबैगो की कमान संभाली थी, और अब 2025 में उनकी पार्टी, यूनाइटेड नेशनल कांग्रेस (UNC), ने हालिया चुनाव में 41 में से 25 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। यह जीत कमला की नेतृत्व क्षमता और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।
बक्सर से त्रिनिदाद: एक ऐतिहासिक कनेक्शन
कमला के पूर्वज 19वीं सदी में ब्रिटिश शासन के दौरान मजदूरी के लिए भारत से त्रिनिदाद गए थे। उनके परदादा, रामलखन मिश्रा, 1889 में कोलकाता से जहाज के जरिए त्रिनिदाद पहुंचे थे। ब्रिटिश रिकॉर्ड्स में भेलुपुर गांव का उल्लेख मिलने के बाद कमला ने अपनी जड़ों की खोज की और 2012 में अपने पैतृक गांव भेलुपुर का दौरा किया। इस यात्रा ने न केवल उनकी निजी जिंदगी को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया, बल्कि भारत और त्रिनिदाद के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत किया। भेलुपुर में आज भी उनके नाम की नेमप्लेट वाला मकान मौजूद है, जिसके मुख्य द्वार पर ‘सीताराम’ और ‘राधेश्याम’ लिखा हुआ है, जो उनके परिवार की आध्यात्मिकता को दर्शाता है।
कमला की जीत: बिहार में खुशी की लहर
28 अप्रैल 2025 को हुए त्रिनिदाद और टोबैगो के आम चुनाव में कमला की पार्टी ने सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल मूवमेंट (PNM) को हराकर सत्ता में वापसी की। इस जीत ने बिहार, खासकर भेलुपुर गांव, में उत्साह की लहर दौड़ा दी। गांववाले मिठाइयां बांटकर और उत्सव मनाकर इस उपलब्धि को सेलिब्रेट कर रहे हैं। कमला के रिश्तेदार, जैसे उनके चाचा जगदीश मिश्रा और भाई ओम प्रकाश मिश्रा व भरत मिश्रा, इस खबर से बेहद उत्साहित हैं। उनके भतीजे, जैसे सोनू, मोनू, और राहुल, उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी बुआ फिर से भेलुपुर आएंगी।
कमला का योगदान और वादे
कमला ने अपने विजयी भाषण में जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पेट्रोट्रिन (तेल कंपनी) को पुनर्जनन, वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन सुरक्षा, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि, और 50,000 से अधिक नौकरियों के सृजन का वादा किया है। त्रिनिदाद और टोबैगो, जो तेल और गैस से समृद्ध होने के बावजूद अपराध और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है, कमला के नेतृत्व में नई उम्मीद देख रहा है। उनकी नीतियां और दृष्टिकोण देश को स्थिरता और समृद्धि की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की बधाई
कमला की इस उपलब्धि पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ भारत के ऐतिहासिक और पारिवारिक संबंध हैं। मैं कमला के साथ मिलकर इन रिश्तों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक हूं।” यह बयान दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों की गहराई को दर्शाता है।
बिहार के लिए गर्व का पल
कमला प्रसाद बिसेसर की यह उपलब्धि बिहार की बेटियों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि मेहनत, लगन, और अपनी जड़ों से जुड़ाव के साथ कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। बक्सर का भेलुपुर गांव, जो कभी एक साधारण गांव था, अब विश्व के नक्शे पर अपनी पहचान बना चुका है। कमला की कहानी यह सिखाती है कि चाहे आप कहीं भी रहें, अपनी संस्कृति और जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए।
कमला प्रसाद बिसेसर की कहानी एक ऐसी मिसाल है जो सीमाओं को तोड़ती है। बिहार के छोटे से गांव से शुरू होकर कैरिबियाई देश की सर्वोच्च सत्ता तक का उनका सफर हर उस व्यक्ति को प्रेरित करता है जो अपने सपनों को सच करना चाहता है। उनकी इस जीत ने न केवल बक्सर और बिहार का मान बढ़ाया है, बल्कि भारत और त्रिनिदाद-टोबैगो के बीच सांस्कृतिक पुल को और मजबूत किया है। आइए, हम सभी इस बिहारी बेटी की उपलब्धि का जश्न मनाएं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करें।
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