sushant singh rajput death case update.
सुशांत सिंह राजपूत, एक प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता, जो बिहार के पटना से थे, 14 जून 2020 को उनके मुंबई के बांद्रा अपार्टमेंट में मृत पाए गए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने मृत्यु को फांसी से दम घुटने के कारण आत्महत्या बताया, और AIIMS ने 3 अक्टूबर 2020 को हत्या के दावों को खारिज करते हुए आत्महत्या की पुष्टि की हालांकि, इसके बाद केस ने राजनीतिक और कानूनी रंग लिया।
सुशांत के पिता, कृष्णा कुमार सिंह, ने 28 जुलाई 2020 को पटना में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने और वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया इसके बाद, ED ने 31 जुलाई 2020 को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया, और NCB ने 26 अगस्त 2020 को ड्रग्स के मामले में जांच शुरू की, जिसमें रिया को 8 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त 2020 को CBI को जांच का जिम्मा सौंपा, जिससे बिहार सरकार और परिवार की मांग पूरी हुई।
रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट के कारण
22 मार्च 2025 को, CBI ने मुंबई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को क्लीन चिट दी गई। यह इसलिए हुआ क्योंकि 4 साल की जांच के बाद कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जो रिया को सुशांत की मौत से जोड़ता हो (CBI files closure report in Sushant Singh Rajput death case)। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अक्टूबर 2024 को CBI की एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें रिया के खिलाफ LOCs को चुनौती दी गई थी, और इसे “फालतू” करार दिया, यह कहते हुए कि यह सिर्फ इसलिए दाखिल की गई थी क्योंकि आरोपी हाई-प्रोफाइल थे (Supreme Court dismisses CBI’s plea against Rhea Chakraborty)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी 22 फरवरी 2024 को रिया और उनके परिवार के खिलाफ LOCs को रद्द कर दिया, जिससे उनके खिलाफ सभी आरोप हट गए।
बिहार का नजरिया और अन्याय के सवाल
सुशांत के बिहार से होने के कारण, इस केस ने क्षेत्रीय राजनीति का रूप ले लिया। 2020 के बिहार चुनावों में, बीजेपी ने सुशांत की मौत को अभियान का मुद्दा बनाया, उन्हें “बिहार के बेटे” कहकर बॉलीवुड के खिलाफ नरेटिव बनाया| सुशांत को “बिहार का बेटा, जो बॉलीवुड की पुरानी एलीट द्वारा शिकार हुआ” के रूप में पेश किया। सुशांत के मामा ने भी हत्या का आरोप लगाया था और CBI जांच की मांग की, जिससे स्पष्ट है कि बिहार में मजबूत भावना थी कि उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए।
मुंबई पुलिस के शुरुआती हैंडलिंग को कई लोग असंतोषजनक मानते हैं, और बिहार सरकार ने केस को CBI को ट्रांसफर करने की मांग की, जो अंततः हुई। लेकिन, CBI के क्लोजर रिपोर्ट के बाद भी कई बिहार के लोग मानते हैं कि सुशांत के साथ अन्याय हुआ है। यह भावना लंबी जांच, मीडिया ट्रायल, और सुशांत को ड्रग एडिक्ट बताकर
CBI के क्लोजर रिपोर्ट से कानूनी दृष्टिकोण से केस समाप्त हो गया है, लेकिन बिहार के नजरिए से देखा जाए तो कई लोग अभी भी मानते हैं कि सुशांत के साथ अन्याय हुआ है। यह अन्याय क्षेत्रीय राजनीति, लंबी जांच, और मीडिया ट्रायल से संबंधित है। सुशांत को “बिहार के बेटे” बनाकर उनका इस्तेमाल करने की कोशिश, उनकी स्मृति को ड्रग्स से जोड़कर अपमानित करने का मुद्दा, और उनके परिवार की इंसाफ की मांग को पूरी तरह पूरा न होने से यह भावना बढ़ी है। हालांकि, कानूनी प्रणाली ने अपना काम किया है, लेकिन सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर अभी भी कई सवाल बाकी हैं।
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