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भारतीय सेना लाहौर मे ये सभी आतंकियों को मार गिराया

भारतीय सेना ने एक बार फिर अपनी शौर्य और सामरिक कुशलता का परिचय देते हुए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी है। हाल ही में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सीमाओं की रक्षा की, बल्कि आतंकवाद के गढ़ में घुसकर दुश्मन को करारा जवाब दिया।  भारतीय सेना ने लाहौर के मैदान में उतरकर आतंकियों का सफाया किया है। आइए, इस अभियान के महत्व, पृष्ठभूमि और इसके प्रभाव को समझते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत का जवाब

22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और कई घायल हुए। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के इस कायराना कृत्य का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह अभियान 6-7 मई, 2025 की रात को शुरू हुआ, जिसमें भारतीय वायु सेना, थल सेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए।

इस अभियान का उद्देश्य आतंकी संगठनों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और उनकी कमर तोड़ना था। भारतीय सेना ने मुरीदके (लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय) और बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का गढ़) जैसे प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया। खबरों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 80 से 100 आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश के सरगना मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य भी शामिल थे।

लाहौर में भारतीय सेना की कार्रवाई

भारतीय सेना ने लाहौर के मैदान में उतरकर आतंकियों का सफाया किया। लेकिन उपलब्ध जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना ने लाहौर में पाकिस्तानी सेना के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। 8 मई, 2025 को लाहौर के वाल्टन एयरपोर्ट के पास जोरदार धमाकों की खबरें आईं, जिसके बाद वहां आपातकाल जैसे हालात बन गए।

भारतीय सेना ने ड्रोन हमलों के जरिए पाकिस्तान के HQ-9 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचाया। लाहौर के अलावा, सियालकोट, गुजरांवाला, रावलपिंडी, और कराची जैसे शहरों में भी ऐसे हमले किए गए। इन हमलों ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को कमजोर किया और आतंकी संगठनों को पनाह देने की उनकी नीति पर सवाल उठाए।

भारतीय सेना की रणनीति और सटीकता

ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी खासियत इसकी सटीकता और रणनीतिक योजना थी। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी जुटाई, जिसके आधार पर वायु सेना ने मिसाइलों और ड्रोनों के जरिए हमले किए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत ने आतंकियों को भारत में घुसपैठ करने से पहले ही नष्ट कर दिया।

इस अभियान में भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना न बनाया जाए, ताकि तनाव को अनावश्यक रूप से बढ़ने से रोका जा सके। फिर भी, पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया।

देश में एकजुटता और समर्थन

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत में उत्साह का माहौल है। राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने भारतीय सेना की इस कार्रवाई की सराहना की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना के साहस की तारीफ की। योग गुरु बाबा रामदेव ने तो यह तक कहा कि अब समय आ गया है कि भारत PoK को वापस ले और लाहौर व कराची में तिरंगा फहराए।

भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल पहलगाम हमले का बदला है, बल्कि भारत की “आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” नीति का प्रतीक है। लाहौर में आतंकी ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टम पर हमले ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि भारत अब चुप नहीं रहेगा।
हमें अपनी सेना पर गर्व है, जिसने न केवल आतंकियों का सफाया किया, बल्कि देश की एकता और संप्रभुता को भी मजबूत किया। यह समय है कि हम सब मिलकर भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों और आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में उनका साथ दें। जय हिंद!

 

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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