विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास: एक युग का अंत
Indian icon virat kohli announces retirement from cricket
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और आधुनिक युग के सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक, विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। यह खबर क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक झटके की तरह आई, क्योंकि कोहली न केवल एक असाधारण बल्लेबाज थे, बल्कि उन्होंने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 14 साल के शानदार टेस्ट करियर में कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले, 9230 रन बनाए, और कई ऐतिहासिक उपलब्धियां अपने नाम कीं।
कोहली का टेस्ट करियर: कितने मैच, कितने रन?
विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ की थी। तब से लेकर 2025 तक, उन्होंने 123 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 9230 रन बनाए। उनका बल्लेबाजी औसत 49.35 रहा, जो उनकी निरंतरता और विश्वसनीयता को दर्शाता है। कोहली ने 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए, जो उन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर (51 शतक) और राहुल द्रविड़ (36 शतक) के बाद तीसरे सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले बल्लेबाजों में शामिल करता है। उनका सर्वोच्च स्कोर 254 नाबाद रहा, जो उन्होंने 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पुणे में बनाया था।
कोहली ने आठ देशों में टेस्ट क्रिकेट खेला और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में 1000 से अधिक रन बनाए। घरेलू मैदानों पर उन्होंने 4336 रन बनाए, जबकि विदेशी मैदानों पर 4774 रन, जो उनकी हर परिस्थिति में रन बनाने की क्षमता को दर्शाता है। उनका सबसे शानदार प्रदर्शन 2018 में आया, जब उन्होंने 13 मैचों में 1322 रन बनाए और ICC टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता।
हालांकि, 2021 के बाद कोहली का टेस्ट फॉर्म कुछ हद तक प्रभावित हुआ। इस दौरान उन्होंने 36 टेस्ट में 31.86 के औसत से 1912 रन बनाए। 2024-25 के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 190 रन बनाए, जिसमें पर्थ में एक शतक शामिल था। यह उनके करियर का आखिरी टेस्ट शतक साबित हुआ।
टेस्ट क्रिकेट में कोहली की उपलब्धियां
विराट कोहली का टेस्ट करियर केवल रनों तक सीमित नहीं था; उन्होंने एक कप्तान और लीडर के रूप में भारतीय क्रिकेट को बदल दिया। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
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भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान: कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की, जिसमें 40 जीत, 17 हार, और 11 ड्रॉ रहे। यह उन्हें भारत का सबसे ज्यादा टेस्ट जीतने वाला कप्तान बनाता है।
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ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत: कोहली पहले भारतीय और एशियाई कप्तान बने, जिन्होंने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना हमेशा से एक चुनौती रहा है।
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फिटनेस और तेज गेंदबाजी क्रांति: कोहली ने भारतीय टेस्ट टीम में फिटनेस के उच्च मानक स्थापित किए। उनके नेतृत्व में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, और उमेश यादव जैसे तेज गेंदबाजों ने विदेशी मैदानों पर कहर बरपाया। इसने भारत को विदेशों में एक मजबूत टेस्ट टीम बनाया।
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30 टेस्ट शतक: कोहली ने 30 टेस्ट शतक बनाए, जो उन्हें भारतीय क्रिकेट में चौथे सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले बल्लेबाज बनाता है। उनके शतकों में विदेशी पिचों पर बनाए गए कई यादगार शतक शामिल हैं, जैसे 2014 में एडिलेड और 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ।
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रोहित शर्मा के साथ साझेदारी: कोहली और रोहित शर्मा की जोड़ी टेस्ट में 999 रन की साझेदारी तक पहुंची, जो तीनों फॉर्मेट में 1000 रन की साझेदारी से केवल एक रन पीछे रह गई। यह एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड होता, लेकिन रोहित के संन्यास के बाद यह अधूरा रह गया।
संन्यास का फैसला और इसका प्रभाव
विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ जून 2025 में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले संन्यास का फैसला लिया। ESPNcricinfo के अनुसार, कोहली ने BCCI को अपने फैसले की जानकारी दी, हालांकि चयनकर्ता और टीम प्रबंधन चाहते थे कि वह इंग्लैंड दौरे पर अनुभव के साथ टीम का हिस्सा रहें। �ADEweb:12⁊ हाल के वर्षों में उनके टेस्ट फॉर्म में गिरावट और युवा खिलाड़ियों के उभरने ने शायद इस फैसले को प्रभावित किया।
कोहली का संन्यास भारतीय टेस्ट क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है। रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, चेतेश्वर पुजारा, और अजिंक्य रहाणे जैसे दिग्गजों के जाने के बाद कोहली उन अंतिम सीनियर खिलाड़ियों में से थे, जो टीम को स्थिरता प्रदान करते थे। अब शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ियों पर नई जिम्मेदारी होगी।
कोहली की विरासत
विराट कोहली का टेस्ट करियर केवल आंकड़ों की कहानी नहीं है। उन्होंने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को एक आक्रामक, फिट, और विश्व-विजेता मानसिकता दी। उनके नेतृत्व में भारत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई और विदेशों में कई यादगार जीत हासिल की। उनके संन्यास के साथ एक युग समाप्त हो गया, लेकिन उनकी विरासत भारतीय क्रिकेट में हमेशा जीवित रहेगी।
कोहली अब केवल वनडे क्रिकेट में भारत के लिए खेलेंगे, और प्रशंसक उम्मीद करेंगे कि वह 2027 विश्व कप तक अपनी शानदार फॉर्म जारी रखें। उनके टेस्ट करियर को याद करते हुए, हम कह सकते हैं कि कोहली ने न केवल रन बनाए, बल्कि भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दी।
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