हनीमून पर गईं सोनम रघुवंशी ने अपने पति की सुपारी देकर हत्या करवा दी।
मेघालय हनीमून हत्याकांड: सोनम रघुवंशी और राजा रघुवंशी मामले की पूरी सच्चाई
मेघालय के खूबसूरत पहाड़ों और झरनों के बीच एक हनीमून ट्रिप, जो नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी के लिए खुशियों का प्रतीक थी, एक भयावह रहस्य बनकर उभरी। यह कहानी न केवल इंदौर के इस जोड़े की जिंदगी को बदल देने वाली है, बल्कि पूरे देश में हनीमून डेस्टिनेशन्स की सुरक्षा और विश्वास पर सवाल उठाती है। मेघालय पुलिस के डीजीपी द्वारा किए गए चौंकाने वाले खुलासे ने इस मामले को और सनसनीखेज बना दिया है। आइए, इस घटना की गहराई में उतरकर इसकी तहकीकात करें और समझें कि आखिर यह हत्याकांड कैसे सामने आया।
घटना का प्रारंभ: हनीमून से गायब होना
राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी, इंदौर के रहने वाले एक नवविवाहित जोड़े, ने 11 मई 2025 को शादी की थी। शादी के महज नौ दिन बाद, 20 मई को, वे हनीमून के लिए मेघालय के शिलांग रवाना हुए। मेघालय, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, जो हनीमून के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। लेकिन 23 मई को, इस जोड़े का परिवार से संपर्क टूट गया। उनकी किराए की स्कूटी सोहरारिम में लावारिस हालत में मिली, और 2 जून को वेईसावडॉन्ग झरने के पास एक गहरी खाई में राजा का शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि राजा की हत्या एक धारदार हथियार, संभवतः ‘दाओ’ (माचेटी) से की गई थी।
सोनम रघुवंशी, जो उस समय से लापता थीं, 17 दिनों तक कोई सुराग नहीं दे पाईं। मेघालय पुलिस, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात जंगलों और खाइयों में उनकी तलाश करती रहीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इस बीच, परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की, यह शक जताते हुए कि सोनम का अपहरण हुआ हो सकता है और उसे बांग्लादेश ले जाया गया हो।
डीजीपी का सनसनीखेज खुलासा
9 जून 2025 को, मेघालय के डीजीपी ने एक हैरान करने वाला खुलासा किया: सोनम रघुवंशी को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे से गिरफ्तार किया गया। डीजीपी के अनुसार, सोनम ने अपने पति राजा की हत्या के लिए तीन सुपारी किलरों को हायर किया था। इस खुलासे ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया।
सोनम, जो बदहवास हालत में मिलीं, कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थीं। लेकिन इस खुलासे ने कई सवाल खड़े किए। क्या सोनम ने वाकई अपने पति की हत्या की साजिश रची थी? यदि हां, तो इसका मकसद क्या था? क्या यह एक सुनियोजित साजिश थी, या फिर कोई और गहरी वजह थी? मेघालय पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुआ ‘दाओ’, राजा का मोबाइल फोन, एक महिला की सफेद शर्ट, और अन्य सामान बरामद किया, जो इस साजिश की कड़ियों को जोड़ने में महत्वपूर्ण हैं।
जांच में सामने आए तथ्य
मेघालय पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग सामने आए:
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सीसीटीवी फुटेज: 21 मई का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें राजा और सोनम शिलांग के एक होटल में नजर आए। यह उनकी आखिरी पुष्ट तस्वीर थी।
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टूरिस्ट गाइड की गवाही: मावलाखियात के एक टूरिस्ट गाइड ने दावा किया कि 23 मई को कपल के साथ तीन अजनबी पुरुष थे। इस गवाही ने मामले को और जटिल बना दिया।
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लूटपाट का शक: राजा की सोने की चेन, अंगूठी, और बटुआ गायब थे, जिससे लूटपाट की आशंका बढ़ी। हालांकि, डीजीपी के खुलासे ने इस थ्योरी पर सवाल उठाए।
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सोनम की आखिरी कॉल: सोनम ने 23 मई को अपनी सास से बात की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे जंगल में ट्रेकिंग कर रहे थे और खाने को कुछ नहीं मिल रहा था। इस कॉल में सोनम हांफ रही थीं, जो संदेहास्पद था।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
राजा का शव इंदौर लाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। परिवार और रघुवंशी समाज ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सोनम के परिवार ने तांत्रिक उपाय अपनाते हुए उनकी तस्वीर उलटी टांग दी, यह मानते हुए कि इससे उनकी सुरक्षित वापसी होगी। लेकिन डीजीपी के खुलासे के बाद परिवार की उम्मीदें टूट गईं।
सुरक्षा और हनीमून डेस्टिनेशन्स पर सवाल
यह घटना मेघालय जैसे पर्यटन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है। राजा और सोनम की कहानी ने हनीमून मनाने की चाह रखने वाले जोड़ों में डर पैदा कर दिया है। क्या पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं? क्या स्थानीय पुलिस और प्रशासन इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेते हैं? मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने इस घटना को अभूतपूर्व बताते हुए न्याय का आश्वासन दिया है, लेकिन सवाल अब भी बरकरार हैं।
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