Pahalgam आतंकी हमले के बाद Pakistan पर BCCI का बड़ा एक्शन
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 मासूम लोगों की जान चली गई, और इसका असर न केवल भारत-पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों पर पड़ा, बल्कि क्रिकेट की दुनिया में भी एक नया तूफान खड़ा हो गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस घटना के बाद सख्त रुख अपनाते हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों पर बड़ा फैसला लिया है। आइए, इस घटना के बाद BCCI के एक्शन, इसके प्रभाव और भविष्य में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट की संभावनाओं पर एक नजर डालते हैं।
पहलगाम हमला और क्रिकेट की दुनिया पर असर
पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है, उस दिन खून से लथपथ हो गया जब आतंकवादियों ने बाइसारन घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुन गोलीबारी की। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली। इस घटना ने भारत में गुस्से की लहर पैदा कर दी, और क्रिकेट जगत भी इससे अछूता नहीं रहा।
BCCI, जो भारतीय क्रिकेट का सबसे ताकतवर संगठन है, ने तुरंत इस हमले की निंदा की। BCCI के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम पीड़ितों के साथ हैं और इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमारी सरकार जो कहेगी, हम वही करेंगे। हम पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते, और भविष्य में भी नहीं खेलेंगे।” यह बयान अपने आप में एक बड़ा संदेश था कि भारत अब क्रिकेट को राजनयिक तनाव से अलग रखने के मूड में नहीं है।
BCCI का बड़ा एक्शन: ICC को पत्र
सबसे चौंकाने वाली खबर तब आई कि BCCI ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि भविष्य में भारत और पाकिस्तान को ICC टूर्नामेंट्स में एक ही ग्रुप में न रखा जाए। इस खबर ने क्रिकेट प्रशंसकों के बीच हलचल मचा दी।
अगर यह कदम सचमुच उठाया गया, तो यह क्रिकेट इतिहास में एक अभूतपूर्व फैसला होगा। भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच ICC इवेंट्स में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मुकाबले होते हैं, जो करोड़ों दर्शकों को आकर्षित करते हैं। लेकिन पहलगाम हमले के बाद BCCI का यह कथित कदम दिखाता है कि अब क्रिकेट को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावनाओं का प्रतीक माना जा रहा है।
क्या अब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट खत्म?
भारत और पाकिस्तान ने आखिरी बार 2012-13 में द्विपक्षीय सीरीज खेली थी, जब पाकिस्तान भारत दौरे पर आया था। तब से दोनों देशों के बीच क्रिकेट सिर्फ ICC और एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के टूर्नामेंट्स तक सीमित रहा है। 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारत ने पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया था, और दोनों टीमों के बीच मैच दुबई में खेले गए।
पहलगाम हमले के बाद BCCI ने साफ कर दिया कि द्विपक्षीय सीरीज तो दूर, अब ICC इवेंट्स में भी भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले न्यूनतम करने की कोशिश हो सकती है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव 2025 के एशिया कप और वीमंस वर्ल्ड कप पर पड़ सकता है, जो भारत में होने वाले हैं। दोनों टूर्नामेंट्स में पाकिस्तान की भागीदारी के लिए पहले से ही हाइब्रिड मॉडल पर सहमति बनी थी, यानी पाकिस्तान अपने मैच न्यूट्रल वेन्यू पर खेलेगा। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या BCCI ग्रुप स्टेज में भी भारत-पाकिस्तान मैच को रोकने की कोशिश करेगा?
क्रिकेटरों और प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद क्रिकेटरों ने भी खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर श्रीवत्स गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पाकिस्तान के साथ क्रिकेट अब नहीं खेलना चाहिए। न अब, न कभी। जब BCCI ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने से मना किया, तो कुछ लोगों ने कहा कि खेल को राजनीति से ऊपर होना चाहिए। लेकिन मासूम भारतीयों की हत्या करना क्या उनका राष्ट्रीय खेल है?” उनकी यह पोस्ट वायरल हो गई और प्रशंसकों के बीच बहस छिड़ गई।
वहीं, विराट कोहली, केएल राहुल और नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ियों ने भी हमले की निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। IPL 2025 के एक मैच में सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधकर और एक मिनट का मौन रखकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
भविष्य में क्या होगा?
BCCI का रुख साफ है कि वह सरकार के निर्देशों का पालन करेगा, और मौजूदा हालात में भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की संभावना न के बराबर है। लेकिन ICC और ACC जैसे संगठनों के लिए यह एक मुश्किल स्थिति है। भारत-पाकिस्तान मैच न केवल दर्शकों के लिए, बल्कि ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सर्स के लिए भी बड़ा रेवेन्यू जनरेट करते हैं। एशिया कप के मीडिया राइट्स को 170 मिलियन डॉलर में बेचा गया था, यह मानकर कि हर संस्करण में कम से कम दो भारत-पाकिस्तान मैच होंगे।
अगर BCCI वाकई ICC से भारत-पाकिस्तान को अलग ग्रुप में रखने की मांग करता है, तो यह क्रिकेट की कमाई और लोकप्रियता पर बड़ा असर डाल सकता है। लेकिन दूसरी ओर, पहलगाम जैसे हमलों के बाद राष्ट्रीय भावनाएं इतनी प्रबल हैं कि BCCI के लिए जनता के गुस्से को नजअंरदाज करना मुश्किल होगा।
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