क्या पशुपति पारस और रामचंद्र पासवान की पत्नी ने रामविलास पासवान की पहली पत्नी को घर से निकाल दिया?
हाल ही में बिहार की राजनीति और पासवान परिवार से जुड़ी एक खबर ने सुर्खियां बटोरी हैं। खबर है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी को उनके देवर पशुपति पारस और दिवंगत रामचंद्र पासवान की पत्नी ने घर से बेदखल कर दिया। क्या ये सच है? क्या पासवान परिवार में संपत्ति का विवाद इस हद तक पहुंच गया है कि परिवार की बड़ी बहू को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा? आइए, इस मामले की तह तक जाते हैं और जानते हैं कि आखिर माजरा क्या है।
पासवान परिवार में फिर छाया विवाद का साया
रामविलास पासवान, जिन्हें बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता है, के निधन के बाद उनका परिवार कई बार चर्चा में रहा है। पहले उनके बेटे चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की कमान को लेकर जंग छिड़ी थी। अब ये विवाद राजनीति से निकलकर पारिवारिक संपत्ति तक पहुंच गया है। मार्च 2025 में खबर आई कि रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने अपने देवर पशुपति पारस और दिवंगत रामचंद्र पासवान की पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उनके कमरों में ताला जड़ दिया गया और उन्हें घर से निकालने की कोशिश की गई।
कौन हैं राजकुमारी देवी?
रामविलास पासवान की जिंदगी में दो शादियां थीं। उनकी पहली शादी 1960 में राजकुमारी देवी से हुई थी, जो खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव की रहने वाली थीं। इस शादी से उनकी दो बेटियां, आशा और उषा, हैं। हालांकि, 1981 में रामविलास ने राजकुमारी देवी को तलाक दे दिया और 1983 में रीना शर्मा से दूसरी शादी की, जिनसे चिराग पासवान उनके बेटे हैं। तलाक के बाद भी राजकुमारी देवी शहरबन्नी में अपने पैतृक घर में रहती थीं और चिराग उन्हें अपनी बड़ी मां मानते हुए उनसे मिलने जाते रहे हैं।
क्या हुआ शहरबन्नी में?
खबरों के मुताबिक, मार्च 2025 के आखिरी हफ्ते में खगड़िया के शहरबन्नी गांव में कुछ ऐसा हुआ जिसने पासवान परिवार को फिर से सुर्खियों में ला दिया। राजकुमारी देवी ने आरोप लगाया कि पशुपति पारस की पत्नी शोभा देवी और रामचंद्र पासवान की पत्नी सुनैना देवी ने उनके घर पर कब्जा करने की कोशिश की। उनके कमरों में ताला लगा दिया गया और उनका सामान बाहर फेंक दिया गया। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि इस घटना में पशुपति पारस के परिवार के लोग और सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। इस घटना से आहत राजकुमारी देवी की तबीयत बिगड़ गई और वे मानसिक रूप से परेशान बताई जा रही हैं।
संपत्ति विवाद की जड़ क्या है?
पासवान परिवार में संपत्ति का बंटवारा लंबे समय से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत के साथ-साथ उनकी संपत्ति पर भी दावेदारी शुरू हो गई। खगड़िया के शहरबन्नी में स्थित पैतृक घर और जमीन इस विवाद का केंद्र बने हैं। राजकुमारी देवी का कहना है कि पशुपति पारस और रामचंद्र पासवान का परिवार इस संपत्ति पर अपना हक जता रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि रामविलास के समाधि स्थल के निर्माण को लेकर भी मतभेद हैं, जो इस विवाद को और गहरा रहा है।
चिराग पासवान का रुख
इस मामले में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तुरंत एक्शन लिया। जैसे ही उन्हें अपनी बड़ी मां की परेशानी की खबर मिली, उन्होंने अपने भांजे प्रिंस मृणाल और पार्टी के महासचिव संजय पासवान को शहरबन्नी भेजा ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके। चिराग की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इस घटना की निंदा की और पशुपति पारस पर निशाना साधा। पार्टी के प्रवक्ता राजू तिवारी ने कहा, “पारस जी रामविलास पासवान को भगवान कहते हैं, लेकिन उनकी बुजुर्ग भाभी के साथ ऐसा व्यवहार शर्मनाक है।”
क्या कहता है दूसरा पक्ष?
अब तक पशुपति पारस या उनके परिवार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, उनके करीबियों का कहना है कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। पशुपति पारस के समर्थकों का दावा है कि संपत्ति का बंटवारा आपसी सहमति से होना चाहिए और इसमें कोई जबरदस्ती नहीं की गई। लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत या जवाब सामने नहीं आया है, जिससे ये मामला और रहस्यमयी बन गया है।
सच क्या है?
फिलहाल, इस मामले में पूरी सच्चाई सामने नहीं आई है। राजकुमारी देवी के आरोप गंभीर हैं, लेकिन अभी तक कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि वे राजकुमारी देवी को देखने गए थे और उनकी हालत ठीक नहीं थी। कुछ का मानना है कि ये पारिवारिक मामला है, जिसे आपस में सुलझा लिया जाना चाहिए। लेकिन जिस तरह से ये खबर वायरल हो रही है, उससे साफ है कि पासवान परिवार का ये विवाद अभी खत्म होने वाला नहीं है।
इसका असर क्या होगा?
राजनीतिक प्रभाव: चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच पहले से चल रही तल्खी इस घटना से और बढ़ सकती है। ये बिहार की दलित राजनीति पर भी असर डाल सकता है।
पारिवारिक रिश्ते: पासवान परिवार में पहले ही दरारें दिख रही थीं, और ये विवाद उन्हें और दूर कर सकता है।
जनता की नजर: लोग इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी राय दे रहे हैं। कई लोग इसे शर्मनाक बता रहे हैं, तो कुछ इसे पारिवारिक मसला मानकर चुप हैं।
सुलझेगा या और उलझेगा ये विवाद?
पशुपति पारस और रामचंद्र पासवान की पत्नी ने राजकुमारी देवी को घर से निकाला या नहीं, इसका जवाब अभी अधूरा है। लेकिन इतना तय है कि पासवान परिवार का ये संपत्ति विवाद न सिर्फ उनकी निजी जिंदगी, बल्कि बिहार की सियासत को भी प्रभावित करेगा। क्या ये मामला कोर्ट तक जाएगा या परिवार आपस में सुलह कर लेगा? ये वक्त ही बताएगा।
आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या ये सिर्फ संपत्ति का झगड़ा है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर शेयर करें और इस ब्लॉग को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें ताकि वे भी इस चर्चित मामले की सच्चाई जान सकें।
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