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Raid 2 Movie Review :भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और छापा

Release date: 1 may 2025
Director: राज कुमार गुप्ता
Artist: अजय देवगन, रितेश देशमुख, वाणी कपूर, सौरभ शुक्ला, अमित सियाल, सुप्रिया पाठक
rantime: लगभग 2 घंटे 15 मिनट

2018 की सुपरहिट फिल्म रेड की सफलता के बाद, प्रशंसकों को इसके सीक्वल Raid 2  का बेसब्री से इंतजार था। राज कुमार गुप्ता द्वारा निर्देशित और अजय देवगन की दमदार मौजूदगी से सजी यह फिल्म एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आयकर अधिकारी की जंग को दर्शाती है। लेकिन क्या यह सीक्वल पहली फिल्म की ऊंचाइयों को छू पाया? आइए, रेड 2 के हर पहलू पर नजर डालते हैं।

कहानी: भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और छापा

Raid 2  में अजय देवगन एक बार फिर ईमानदार आयकर अधिकारी अमय पटनायक की भूमिका में हैं। 74वीं बार स्थानांतरण के बाद, अमय भोज, राजस्थान पहुंचते हैं, जहां उनकी मुलाकात दादा भाई (रितेश देशमुख) से होती है। दादा भाई एक लोकप्रिय राजनेता है, जिसे जनता मसीहा मानती है, लेकिन उसकी साफ छवि के पीछे भ्रष्टाचार का गहरा जाल छिपा है। अमय अपनी बुद्धिमत्ता और साहस के साथ दादा भाई के साम्राज्य पर छापेमारी शुरू करता है। कहानी में ट्विस्ट, ड्रामा और बुद्धिमत्ता का खेल शामिल है, जो इसे एक रोमांचक थ्रिलर बनाता है।
सहायक किरदारों में सौरभ शुक्ला (ताऊजी), अमित सियाल (लल्लन), और वाणी कपूर (मालिनी) कहानी को आगे बढ़ाते हैं। फिल्म भ्रष्टाचार, सत्ता और नैतिकता के बीच टकराव को उजागर करती है, लेकिन क्या यह पहली फिल्म की तरह प्रभाव छोड़ पाती है?
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Raid 2 मे क्या है खास?

1. शानदार अभिनय
  • Ajay devgan: अमय पटनायक के रूप में अजय अपनी गंभीर और दमदार शैली में हमेशा की तरह प्रभावी हैं। उनका स्क्रीन प्रेजेंस और डायलॉग डिलीवरी फिल्म का मजबूत पक्ष है, हालांकि किरदार में नयापन कम दिखता है।
  • Ritesh Deshmukh: दादा भाई के किरदार में रितेश असली सरप्राइज हैं। उनकी चालाकी, क्रूरता और सूक्ष्म अभिनय फिल्म को नई ऊर्जा देता है। खासकर उनके और अजय के बीच के सीन तारीफ के काबिल हैं।
  • सहायक कलाकार: अमित सियाल (लल्लन) और सौरभ शुक्ला (ताऊजी) अपनी छोटी लेकिन प्रभावी भूमिकाओं में चमकते हैं। दोनों किरदार हास्य और गहराई लाते हैं, जो दर्शकों को बांधे रखता है।
2. रोमांचक दूसरा हाफ
फिल्म का दूसरा हिस्सा तेज, आकर्षक और ट्विस्ट से भरा है। अमय और दादा भाई के बीच का बुद्धिमत्ता का खेल देखने लायक है। कुछ सीन, जैसे छापेमारी के दौरान तनावपूर्ण पल और डायलॉग्स, दर्शकों को सीट से बांधे रखते हैं।
3. पावर-पैक डायलॉग्स
रेड 2 के डायलॉग्स इसका एक मजबूत पक्ष हैं। कुछ एक-लाइनर, जैसे “मैंने कब कहा कि मैं पांडव हूं? मैं तो पूरी महाभारत हूं!” दर्शकों की तालियां बटोरते हैं। ये डायलॉग्स फिल्म को बॉलीवुड का मसालेदार तड़का देते हैं।
4. सिनेमैटोग्राफी और म्यूजिक
सुधीर के. चौधरी की सिनेमैटोग्राफी राजस्थान की पृष्ठभूमि को खूबसूरती से कैद करती है, खासकर छापेमारी के सीन्स में। अमित त्रिवेदी का बैकग्राउंड स्कोर तनाव और रोमांच को बढ़ाता है, जो फिल्म के मूड को बनाए रखता है।
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Raid 2 मे कहां रह गई कमी?

1. धीमा पहला हाफ
फिल्म की शुरुआत सुस्त है, और कहानी को गति पकड़ने में समय लगता है। पहले हाफ में कई सीन दोहराव वाले और अनावश्यक लगते हैं, जो दर्शकों का ध्यान भटका सकते हैं।
2. कमजोर खलनायक की चमक
रितेश देशमुख का किरदार शुरू में ताकतवर लगता है, लेकिन कहानी आगे बढ़ने के साथ वह अमय के सामने जल्दी कमजोर पड़ जाता है। इससे टकराव में वह तीव्रता नहीं आ पाती, जो एक मजबूत थ्रिलर के लिए जरूरी थी।
3. वाणी कपूर का बेकार किरदार
वाणी कपूर (मालिनी) का किरदार कहानी में जबरदस्ती जोड़ा हुआ लगता है। न तो उनका रोल प्रभावी है, न ही अजय के साथ उनकी रोमांटिक केमिस्ट्री काम करती है। यह किरदार कहानी को कमजोर करता है।
4. पहली फिल्म की छाया
रेड 2 कई जगह रेड की संरचना को दोहराती है, जिससे यह कम नयापन लिए हुए लगती है। कुछ सीन और ट्विस्ट प्रेडिक्टेबल हैं, जो प्रशंसकों को निराश कर सकते हैं।
5. अनावश्यक गाने और ग्लैमर
फिल्म में कुछ गाने और ग्लैमर के सीन कहानी को बाधित करते हैं। ये सीन जबरदस्ती डाले गए लगते हैं और थ्रिलर के मूड को तोड़ते हैं।

Raid 2 मे क्या  देखने लायक है?

रेड 2 एक मनोरंजक क्राइम-थ्रिलर है, जो अजय देवगन और रितेश देशमुख के शानदार अभिनय और रोमांचक दूसरे हाफ के दम पर टिकी है। हालांकि, यह पहली फिल्म की ताजगी और प्रभाव को दोहराने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाती। अगर आप रेड के फैन हैं या मसालेदार बॉलीवुड थ्रिलर पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक बार देखने लायक है। लेकिन अगर आप कुछ नया और गहरा उम्मीद कर रहे हैं, तो यह आपको थोड़ा निराश कर सकती है।

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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