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नीला ड्रम का खौफ: सौरभ हत्याकांड ने पतियों को पहुंचाया सदमे में?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस घटना ने न सिर्फ क्राइम की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी एक अनोखा ट्रेंड शुरू कर दिया—नीला ड्रम। जी हां, वही नीला ड्रम, जिसमें सौरभ राजपूत के शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की गई थी, आजकल हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक तरफ यह हत्याकांड लोगों के लिए खौफ का सबब बना, वहीं दूसरी तरफ इसका मजाकिया अंदाज सोशल मीडिया पर छा गया।


सौरभ हत्याकांड: एक खौफनाक कहानी का मजाकिया मोड़

सबसे पहले तो इस घटना को थोड़ा समझते हैं। मेरठ में सौरभ राजपूत की पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर सौरभ की हत्या कर दी। हत्या भी ऐसी कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं—शव के 15 टुकड़े किए गए और फिर उन्हें नीले ड्रम में सीमेंट डालकर सील कर दिया गया। इसके बाद दोनों हत्यारे हिमाचल घूमने निकल गए, मानो कुछ हुआ ही न हो। लेकिन उनकी एक गलती—ड्रम का वजन—ने सारा खेल बिगाड़ दिया। मजदूरों ने जब ड्रम उठाने की कोशिश की, तो वह टूट गया और सच सामने आ गया।

अब तक तो यह कहानी डरावनी लग रही होगी, लेकिन सोशल मीडिया ने इसे मजाक का रंग दे दिया। नीला ड्रम अब एक मीम बन चुका है। लोग कहते हैं, “घर में नीला ड्रम देखते ही पति भाग खड़ा होता है!” कोई वीडियो बनाता है जिसमें पत्नी नीला ड्रम लाती है और पति चिल्लाता है, “ड्रम या मैं, चुन लो!” तो कोई लिखता है, “शादीशुदा मर्दों के लिए नया डर—नीला ड्रम।”

नीला ड्रम: पतियों का नया दुश्मन?
सोचिए, एक साधारण सा ड्रम, जो पहले पानी भरने या अनाज रखने के काम आता था, आज पतियों के लिए खौफ का पर्याय बन गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक शख्स अपनी पत्नी से कहता है, “ये नीला ड्रम घर से फेंक दो, मुझे डर लग रहा है!” जवाब में पत्नी हंसते हुए कहती है, “सारी औरतें एक जैसी नहीं होतीं, मैं तो तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहूंगी।” इस तरह के फनी कंटेंट ने नीले ड्रम को एक मजाकिया प्रतीक बना दिया।

यहां तक कि मशहूर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी इस पर चुटकी ली। उन्होंने कहा, “देश में नीला ड्रम बहुत वायरल है। प्रभु की कृपा है कि हमारी शादी नहीं हुई, वरना हम भी सदमे में होते!” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। लोग हंस-हंसकर लोटपोट हो गए, लेकिन सवाल वही—आखिर पतियों को नीले ड्रम से इतना डर क्यों लगने लगा?

सोशल मीडिया का कमाल: डर से हंसी तक का सफर
सौरभ हत्याकांड के बाद नीले ड्रम की बिक्री पर भी असर पड़ा। मेरठ के दुकानदारों का कहना है कि लोग अब नीला ड्रम खरीदने से कतराने लगे हैं। एक दुकानदार ने तो मजाक में कहा, “भाई, नीला ड्रम फ्री में ले जाओ, बस घर से दूर रखना!” सोशल मीडिया पर नीले ड्रम को लेकर बने मीम्स और रील्स ने इसे एक ट्रेंड बना दिया। कोई इसे “पति का नया दुश्मन” कहता है, तो कोई इसे “शादी का सबसे बड़ा डर” करार देता है।
एक वायरल वीडियो में पति अपनी पत्नी से पूछता है, “ये ड्रम क्यों खरीदा?” पत्नी जवाब देती है, “बगीचे में पौधा लगाने के लिए।” पति तुरंत कहता है, “पौधा तो ठीक है, बस मेरा नाम उसमें मत लिख देना!” ऐसे मजेदार वीडियो ने इस खौफनाक घटना को हल्का कर दिया।

नीला ड्रम और हमारा समाज
हंसी-मजाक के बीच एक सवाल उठता है—क्या हम किसी गंभीर घटना को इतनी आसानी से मजाक में बदल सकते हैं? सौरभ हत्याकांड कोई छोटी बात नहीं थी। यह एक क्रूर अपराध था, जिसने कई सवाल खड़े किए—प्यार, विश्वास और नशे की लत की वजह से एक इंसान कितना गिर सकता है? लेकिन सोशल मीडिया ने इसे हंसी का रंग दे दिया। शायद यह हमारी सोच को दिखाता है कि दुख और डर को हंसी में बदलकर हम जिंदगी से आगे बढ़ते हैं।

अंत में: नीला ड्रम से सबक
तो क्या नीला ड्रम सचमुच पतियों का दुश्मन बन गया है? या यह बस एक मजाक है जो सोशल मीडिया ने हमें दिया? सच तो यह है कि नीला ड्रम अब सिर्फ एक ड्रम नहीं, बल्कि एक कहानी बन चुका है। यह कहानी हमें हंसाती भी है और सोचने पर मजबूर भी करती है। पतियों के लिए टिप—अगली बार घर में नीला ड्रम देखें, तो पहले पत्नी से पूछ लें, “इसका प्लान क्या है?”

तो आप क्या सोचते हैं? नीला ड्रम आपके लिए डर है या मजाक? कमेंट में जरूर बताएं और इस ब्लॉग को शेयर करना न भूलें!

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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