Huge fire in IsraelHuge fire in Israel

Terrible fire in Israel, declared a national emergency

इज़राइल में विनाशकारी जंगल की आग
Israel में हाल ही में लगी जंगल की आग ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। विशेष रूप से यरुशलम के आसपास के क्षेत्रों में फैली यह आग इतिहास की सबसे भयावह आग में से एक मानी जा रही है।  हम इस आग के कारणों, मानव जीवन पर इसके प्रभाव, और वन्यजीवों के पलायन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि इस आपदा की गंभीरता को समझा जा सके।
Huge fire in Israel

Israel मे आग लगने के प्रमुख तीन कारण है 

इज़राइल में 30 अप्रैल, 2025 को शुरू हुई यह आग यरुशलम के पश्चिमी हिस्से, विशेष रूप से एश्ताओल जंगल और लत्रुन क्षेत्र में भड़की। इसके पीछे कई कारण सामने आए हैं। सबसे पहले, मौसम की स्थिति ने इस आग को बढ़ावा दिया। तेज़ हवाएँ, कम आर्द्रता, और अत्यधिक गर्मी ने जंगलों में सूखेपन को बढ़ाया, जिससे आग फैलने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनीं। इज़राइल मौसम सेवा ने पहले ही क्षेत्र में आग के खतरे की चेतावनी दी थी।
दूसरा, कुछ स्रोतों के अनुसार, आगजनी की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि 18 लोग आग लगाने के संदेह में गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से एक व्यक्ति को ज्वलनशील सामग्री के साथ पकड़ा गया। इसके अलावा, हमास द्वारा टेलीग्राम पर कथित तौर पर भेजे गए संदेश में लोगों से जंगलों और बस्तियों में आग लगाने का आह्वान किया गया था, जो इस आग के जानबूझकर लगाए जाने की ओर इशारा करता है। हालांकि, आग के सटीक कारणों की जांच अभी जारी है।
तीसरा, पर्यावरणीय कारक भी महत्वपूर्ण हैं। यहूदी राष्ट्रीय कोष (JNF) द्वारा लगाए गए पाइन के पेड़, जो जंगल में प्रमुख हैं, अत्यधिक ज्वलनशील होते हैं। इनकी अधिकता ने आग को तेजी से फैलने में मदद की। पर्यावरण विशेषज्ञों ने JNF की वनीकरण नीतियों की आलोचना की है, क्योंकि इनके कारण जैव विविधता कम हुई और आग का खतरा बढ़ा।

Israel मे इस आग से मानव जीवन पर कितना  प्रभाव पड़ेगा 

इस आग ने इज़राइल में राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी। यरुशलम और तेल अवीव को जोड़ने वाला प्रमुख राजमार्ग, रूट 1, बंद करना पड़ा, जिसके कारण कई लोग अपनी गाड़ियाँ छोड़कर पैदल ही भागने को मजबूर हुए। हजारों लोगों को उनके घरों से निकाला गया, और तीन कैथोलिक धार्मिक समुदायों को भी अपने स्थानों को छोड़ना पड़ा।
मैगन डेविड एडोम (MDA) के अनुसार, अब तक 23 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 13 को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इनमें ज्यादातर लोग धुएँ से होने वाली साँस की तकलीफ और जलने की चोटों से पीड़ित हैं। सौभाग्य से, अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है। आग ने लगभग 5,000 एकड़ जमीन को प्रभावित किया है, जिसमें 3,000 एकड़ जंगल शामिल हैं। स्वतंत्रता दिवस के उत्सव, जो 1 मई को होने वाले थे, रद्द कर दिए गए, और कई राष्ट्रीय उद्यानों और जंगलों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
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वन्यजीवों पर असर और पलायन

आग ने इज़राइल की समृद्ध जैव विविधता को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। इज़राइल, जो पेलियार्कटिक और अफ्रीकी क्षेत्रों के बीच एक जैविक सेतु है, में कई प्रजातियाँ निवास करती हैं। इस आग ने वन्यजीवों के आवास को नष्ट कर दिया और उनके जीवन को खतरे में डाल दिया।
पक्षियों ने दक्षिणी क्षेत्रों की ओर पलायन किया, जहाँ शांति थी, लेकिन स्तनधारी और छोटे जीव, जैसे सरीसृप और उभयचर, आग से बचने में असमर्थ रहे। विशेषज्ञों के अनुसार, युद्ध और आग के शोर ने जानवरों में तनाव को बढ़ाया, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। हालांकि, KKL-JNF ने हाल ही में प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण शुरू किया है और अनुमान लगाया है कि 70% जले हुए पेड़ अगले डेढ़ साल में प्राकृतिक रूप से पुनर्जनन शुरू कर सकते हैं। वन्यजीव भी धीरे-धीरे इन क्षेत्रों में लौट रहे हैं।
हालांकि, सटीक आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं कि कितने जानवरों ने जंगल छोड़ा या मरे। ऑस्ट्रेलिया की 2019-20 की आग, जिसमें 3 अरब जानवर प्रभावित हुए थे, से तुलना करें तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इज़राइल में भी लाखों जानवर प्रभावित हुए होंगे। छोटे जीव, जैसे कीड़े और उभयचर, जो आग से बचने के लिए बिलों में छिपते हैं, अक्सर धुएँ और गर्मी से मर जाते हैं।
यह आग इज़राइल के लिए एक चेतावनी है कि जलवायु परिवर्तन, मानवीय गतिविधियाँ, और पर्यावरणीय नीतियाँ आपदाओं को और गंभीर बना सकती हैं। आग को नियंत्रित करने के लिए इज़राइल ने ग्रीस, साइप्रस, क्रोएशिया, और इटली जैसे देशों से मदद माँगी, और कई देशों ने अग्निशमन विमान भेजे। भविष्य में, आग से बचाव के लिए जंगल प्रबंधन, निर्धारित जलावन, और जन जागरूकता अभियानों पर ध्यान देना होगा।
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए उनके आवासों की निगरानी, संरक्षण क्षेत्रों का विस्तार, और आपदा प्रबंधन योजनाओं को मजबूत करना आवश्यक है। यह आपदा हमें सिखाती है कि प्रकृति और मानव जीवन एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं, और हमें दोनों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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