Top 10 tourist palace in BiharTop 10 tourist palace in Bihar

बिहार: टॉप 10 हाई-प्रोफाइल पर्यटन स्थल विदेशी Feeling के साथ

बिहार, भारत का एक ऐसा राज्य है जो अपनी समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए विश्वविख्यात है। यहाँ की धरती ने बौद्ध और जैन धर्म जैसे विश्व धर्मों को जन्म दिया और नालंदा विश्वविद्यालय जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्रों ने दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी। इसके अलावा, बिहार के आधुनिक पर्यटन स्थल, जैसे ग्लास ब्रिज, पर्यटकों को विदेशी अनुभव प्रदान करते हैं। यह ब्लॉग आपको बिहार के 10 प्रमुख हाई-प्रोफाइल पर्यटन स्थलों की यात्रा पर ले जाएगा, जिनमें नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, गया, ग्लास ब्रिज और अन्य शामिल हैं, साथ ही उनके स्थान और विशेषताओं का विस्तृत विवरण भी।

 

नीतीश कुमार की प्रेमिका ने काटी गुप्तांग

1. नालंदा विश्वविद्यालय और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी

स्थान: नालंदा, बिहार (पटना से 95 किमी दक्षिण-पूर्व, राजगीर से 12 किमी उत्तर)
नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत का एक ऐसा शिक्षा केंद्र था, जिसे दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय माना जाता है। 5वीं शताब्दी में गुप्त वंश के सम्राट कुमारगुप्त द्वारा स्थापित, यहाँ कभी 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 शिक्षक थे। इसकी लाइब्रेरी, ‘धर्म गूंज’, में लाखों पुस्तकें थीं, जो इसे ज्ञान का पर्वत बनाती थीं। आज इसके खंडहर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं और पर्यटकों को प्राचीन स्थापत्य कला का अनुभव कराते हैं।
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, जो पटना में बिस्कोमान भवन में संचालित होती थी, अब नालंदा में अपने नए 10 एकड़ के परिसर में स्थानांतरित हो चुकी है। यहाँ की आधुनिक सुविधाएँ, जैसे 240 बेड का हॉस्टल और अत्याधुनिक स्टूडियो, इसे एक आकर्षक स्थान बनाते हैं। पर्यटक यहाँ न केवल शैक्षिक इतिहास बल्कि आधुनिक भारत के शैक्षिक विकास को भी देख सकते हैं।

विदेशी अनुभव: नालंदा के खंडहर और इसकी ऐतिहासिक भव्यता आपको प्राचीन ग्रीस या रोम के पुरातात्विक स्थलों की याद दिला सकती है।

2. गया: बौद्ध और हिंदू धर्म का संगम

स्थान: गया, बिहार (पटना से 100 किमी दक्षिण)
गया बौद्ध और हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है। यहाँ का विष्णुपद मंदिर, जहाँ भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं, हिंदुओं के लिए पितृपक्ष के दौरान पिंडदान का प्रमुख केंद्र है। इसके अलावा, महाबोधि मंदिर (बोधगया, गया के पास) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। यहाँ का शांत वातावरण और बौद्ध मठ विदेशी पर्यटकों को थाईलैंड या जापान के बौद्ध मंदिरों की याद दिलाते हैं।
विदेशी अनुभव: बोधगया का शांत और आध्यात्मिक माहौल आपको तिब्बत या भूटान के मठों की तरह एक गहन शांति का अनुभव कराता है।

3. राजगीर ग्लास स्काई वॉक ब्रिज

स्थान: राजगीर, नालंदा जिला (पटना से 100 किमी)
राजगीर में बना ग्लास स्काई वॉक ब्रिज बिहार का पहला और भारत का दूसरा ग्लास ब्रिज है, जो 85 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा है। यह जंगल सफारी के हिस्से के रूप में बनाया गया है और पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। इसकी संरचना चीन के हेबई प्रांत के ग्लास ब्रिज से प्रेरित है। यहाँ से घोड़ा कटोरा झील और आसपास की सात राजसी पहाड़ियों का मनोरम दृश्य दिखता है।

विदेशी अनुभव: यह ग्लास ब्रिज आपको न्यूजीलैंड या स्विट्जरलैंड के सस्पेंशन ब्रिज की तरह रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव देता है।

4. राजगीर: प्राकृतिक और धार्मिक आकर्षण

स्थान: राजगीर, नालंदा जिला (पटना से 100 किमी)
राजगीर, जिसे प्राचीन काल में मगध की राजधानी के रूप में जाना जाता था, बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में विश्व शांति स्तूप, सप्तपर्णी गुफा (जहाँ पहला बौद्ध संगीति हुई थी), और रोपवे शामिल हैं, जो पर्यटकों को पहाड़ी पर बने स्तूप तक ले जाता है। राजगीर का प्राकृतिक सौंदर्य और गर्म पानी के झरने इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाते हैं।
विदेशी अनुभव: राजगीर का रोपवे और प्राकृतिक सौंदर्य आपको स्विस आल्प्स या जापानी हॉट स्प्रिंग्स की याद दिला सकता है।

5. वैशाली: जैन और बौद्ध धर्म का उद्गम

स्थान: वैशाली, बिहार (पटना से 55 किमी उत्तर)
वैशाली को भगवान महावीर का जन्मस्थान और बुद्ध के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। यहाँ का अशोक स्तंभ, विश्व शांति स्तूप, और कुटागरशाला विहार प्रमुख आकर्षण हैं। वैशाली का पुरातात्विक महत्व और शांत वातावरण इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाता है।
विदेशी अनुभव: वैशाली की शांति और पुरातात्विक धरोहरें आपको मिस्र या ग्रीस के पुरातात्विक स्थलों की तरह एक ऐतिहासिक यात्रा का अनुभव कराती हैं।

6. पावापुरी: जैन धर्म का पवित्र स्थल

स्थान: पावापुरी, नालंदा जिला (पटना से 90 किमी)
पावापुरी वह स्थान है जहाँ जैन तीर्थंकर महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया था। यहाँ का जल मंदिर, जो एक सरोवर के बीच में स्थित है, पर्यटकों को अपनी शांति और सुंदरता से आकर्षित करता है। इस मंदिर का अनूठा डिज़ाइन और शांत जलाशय विदेशी पर्यटकों को थाईलैंड के फ्लोटिंग मार्केट्स की याद दिलाता है।
विदेशी अनुभव: जल मंदिर की शांति और सुंदरता आपको वेनिस या बाली के जल-आधारित मंदिरों की तरह एक अनूठा अनुभव देती है।

7. मधुबनी: मिथिला कला का केंद्र

स्थान: मधुबनी, बिहार (पटना से 180 किमी उत्तर-पूर्व)
मधुबनी अपनी विश्वप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग्स के लिए जाना जाता है। यहाँ की रंग-बिरंगी कला, स्थानीय बाजार और सांस्कृतिक उत्सव पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं। मधुबनी की कला को यूनेस्को द्वारा भी मान्यता मिली है, जो इसे वैश्विक स्तर पर विशेष बनाती है।
विदेशी अनुभव: मधुबनी की जीवंत कला और संस्कृति आपको मेक्सिको या भारत के राजस्थानी कला बाजारों की याद दिला सकती है।

8. मुंगेर: इतिहास और योग का संगम

स्थान: मुंगेर, बिहार (पटना से 180 किमी पूर्व)
मुंगेर अपने ऐतिहासिक किले और बिहार योग स्कूल के लिए प्रसिद्ध है। मुंगेर किला मध्यकालीन इतिहास का एक नमूना है, जबकि बिहार योग स्कूल दुनिया भर के योग प्रेमियों को आकर्षित करता है। यहाँ का शांत वातावरण और गंगा नदी का किनारा इसे एक विशेष पर्यटन स्थल बनाता है।
विदेशी अनुभव: योग स्कूल और गंगा का शांत किनारा आपको भारत के ऋषिकेश या थाईलैंड के योग रिट्रीट्स की तरह एक आध्यात्मिक अनुभव देता है।

9. केसरिया स्तूप: विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप

स्थान: केसरिया, पूर्वी चंपारण (पटना से 150 किमी उत्तर)
केसरिया स्तूप को विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप माना जाता है। यह 104 फीट ऊँचा है और इसका निर्माण सम्राट अशोक के काल में हुआ था। यहाँ का शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व इसे एक विशेष पर्यटन स्थल बनाता है।
विदेशी अनुभव: इसकी भव्यता और शांति आपको म्यांमार के बागान या कंबोडिया के अंगकोर वाट की याद दिला सकती है।

10. सोन भंडार गुफाएँ

स्थान: राजगीर, नालंदा जिला (पटना से 100 किमी)
सोन भंडार गुफाएँ जैन धर्म से संबंधित हैं और माना जाता है कि यहाँ मौर्य काल में खजाने छिपाए गए थे। इन गुफाओं की प्राचीन नक्काशी और रहस्यमयी वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
विदेशी अनुभव: ये गुफाएँ आपको तुर्की की कैपाडोसिया या जॉर्डन की पेट्रा की गुफाओं की तरह एक रहस्यमयी यात्रा का अनुभव देती हैं।

बिहार घूमने का सबसे अच्छा समय
बिहार घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है। इस दौरान आप बिना किसी परेशानी के इन स्थलों का आनंद ले सकते हैं।

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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