Tahawwur Rana

 

26/11 मुंबई हमले की भयावह यादें आज भी हर भारतीय के जहन में ताजा हैं। इस आतंकी हमले ने न सिर्फ भारत को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ जंग को एक नई दिशा दी। इस हमले का एक प्रमुख साजिशकर्ता, तहव्वुर हुसैन राणा, अब भारत की गिरफ्त में आने वाला है। लेकिन सवाल यह है कि तहव्वुर राणा कौन है? इसका अपराध क्या है? और भारत सरकार इसे क्यों वापस ला रही है? आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं तहव्वुर राणा की पूरी कहानी, इसके अपराध और भारत के लिए इसकी अहमियत को।

तहव्वुर राणा कौन है? (Who is Tahawwur Rana?)

Tahawwur Rana

तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। 64 साल के राणा ने अपनी जिंदगी के शुरुआती दिन पाकिस्तान में बिताए, जहां उसने मेडिकल की पढ़ाई की और पाकिस्तानी सेना में बतौर डॉक्टर सेवा दी। बाद में वह अमेरिका चला गया और शिकागो में बस गया। यहां उसने एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म शुरू की, जो बाद में उसके आतंकी कृत्यों की आड़ बन गई। राणा का नाम तब सुर्खियों में आया, जब उसे 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी बताया गया।

राणा और हेडली की दोस्ती पुरानी है। दोनों की मुलाकात पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट स्कूल में हुई थी, जहां वे साथ पढ़े थे। यह दोस्ती बाद में आतंक की साजिश का आधार बनी। राणा ने अपनी फर्म का इस्तेमाल हेडली को भारत में रेकी करने और हमले की तैयारी करने में मदद करने के लिए किया।

तहव्वुर राणा का अपराध क्या है? (What is Tahawwur Rana’s Crime?)

तहव्वुर राणा का सबसे बड़ा अपराध 26/11 मुंबई आतंकी हमले में उसकी भूमिका है। 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला बोला था। इस हमले में ताज होटल, ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे और नरीमन हाउस जैसी जगहों को निशाना बनाया गया। चार दिनों तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी शामिल थे, और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए।

राणा पर आरोप है कि उसने इस हमले की साजिश में अहम भूमिका निभाई। उसने अपने दोस्त डेविड हेडली को मुंबई में रेकी करने के लिए कवर प्रदान किया। हेडली ने 2006 से 2008 के बीच पांच बार मुंबई का दौरा किया और हमले के टारगेट्स की वीडियो रिकॉर्डिंग की। राणा की इमिग्रेशन फर्म की आड़ में हेडली ने अपनी पहचान छिपाई और हमले की योजना को अंजाम देने में मदद की। इसके अलावा, राणा ने हमले से पहले खुद भी मुंबई का दौरा किया था और ताज होटल में रुका था, जो बाद में हमले का प्रमुख निशाना बना।

भारत सरकार के अनुसार, राणा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और लश्कर-ए-तैयबा के बीच की कड़ी था। उस पर आपराधिक साजिश, हत्या, जालसाजी और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे संगीन आरोप हैं। राणा ने न सिर्फ मुंबई हमले में मदद की, बल्कि डेनमार्क में एक और आतंकी साजिश में भी शामिल था, जिसके लिए उसे अमेरिका में सजा सुनाई गई थी।

Tahawwur Rana

तहव्वुर राणा ने कब अपराध किया? (When Did Tahawwur Rana Commit the Crime?)

तहव्वुर राणा का अपराध 2008 में मुंबई हमले से जुड़ा है, जिसकी शुरुआत 26 नवंबर 2008 को हुई थी। हालांकि, इस हमले की साजिश कई साल पहले से रची जा रही थी। हेडली ने 2006 से 2008 के बीच मुंबई की रेकी की, जिसमें राणा ने उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया। राणा खुद 11 नवंबर 2008 को भारत आया और 11 दिनों तक यहां रहा। इस दौरान वह मुंबई में भी गया और हमले से ठीक एक हफ्ते पहले दुबई चला गया। यह साफ करता है कि उसकी योजना पहले से तैयार थी और वह हमले की साजिश का हिस्सा था।

भारत सरकार क्यों ला रही है तहव्वुर राणा को? (Why is the Indian Government Bringing Tahawwur Rana Back?)

भारत सरकार लंबे समय से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रही थी। इसके पीछे कई कारण हैं:
न्याय सुनिश्चित करना: 26/11 हमले में मारे गए 166 लोगों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए राणा का भारत आना जरूरी है। वह इस हमले का एक प्रमुख साजिशकर्ता था, और उसकी सजा से पीड़ितों को राहत मिलेगी।

आतंकी नेटवर्क का खुलासा: राणा से पूछताछ के जरिए भारत ISI और लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क के बारे में और जानकारी हासिल करना चाहता है। इससे भविष्य में होने वाले हमलों को रोकने में मदद मिलेगी।

कूटनीतिक जीत: राणा का प्रत्यर्पण भारत की कूटनीतिक सफलता का प्रतीक है। अमेरिका से उसकी वापसी भारत के वैश्विक प्रभाव को दर्शाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी 2025 में इसकी मंजूरी दी, और अब अप्रैल 2025 में वह भारत पहुंच रहा है।

कानूनी कार्रवाई: भारत में राणा के खिलाफ पहले से ही चार्जशीट तैयार है। उसे NIA की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उसके अपराधों का हिसाब होगा।

Tahawwur Rana

तहव्वुर राणा की भारत वापसी की प्रक्रिया

राणा को अमेरिका से भारत लाने की प्रक्रिया लंबी और जटिल रही। 2009 में अमेरिका ने उसे और हेडली को गिरफ्तार किया था। 2013 में अमेरिकी कोर्ट ने राणा को 14 साल की सजा सुनाई, लेकिन मुंबई हमले के आरोपों से बरी कर दिया। भारत ने इसके खिलाफ सबूत पेश किए और 2019 में औपचारिक प्रत्यर्पण की मांग की। कई सालों की कानूनी लड़ाई के बाद, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2025 में उसकी अपील खारिज कर दी। अब 10 अप्रैल 2025 को वह भारत पहुंच रहा है।
राणा को दिल्ली लाया जाएगा, जहां NIA उसे गिरफ्तार करेगी। उसकी पहली पेशी पटियाला हाउस कोर्ट में होगी, और फिर उसे तिहाड़ जेल में हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा जा सकता है। NIA उससे गहन पूछताछ करेगी, जिसमें ISI की भूमिका और अन्य आतंकी योजनाओं पर फोकस होगा।

तहव्वुर राणा की भारत वापसी 26/11 हमले के पीड़ितों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। यह आतंकी न सिर्फ मुंबई हमले का गुनहगार है, बल्कि आतंकवाद के उस नेटवर्क का हिस्सा है, जो भारत के खिलाफ साजिश रचता रहा है। उसका अपराध 2008 में सामने आया, लेकिन उसकी सजा का इंतजार 17 साल बाद अब पूरा होने जा रहा है। भारत सरकार की यह कोशिश न सिर्फ न्याय की दिशा में एक कदम है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी मजबूत नीति को भी दर्शाती है।
क्या आपको लगता है कि राणा को सजा मिलने से आतंकवाद पर लगाम लगेगी? अपनी राय कमेंट में जरूर शेयर करें। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अपडेट्स के लिए हमें फॉलो करें।

By Abhishek Anjan

I am a mass communication student and passionate writer. With the last four -year writing experience, I present intensive analysis on politics, education, social issues and viral subjects. Through my blog, I try to spread awareness in the society and motivate positive changes.

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